धनबाद – बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद में हिन्दी के प्रोफेसर सह समन्वयक ,जनजातीय एवम क्षेत्रीय भाषा केंद्र धनबाद खोरठा भाषा प्रेमी व कवि बड़े भैया डॉ.मुकुंद रविदास जी द्वारा रचित खोरठा कविता संग्रह “कोयला आर माटी “ खोरठा साहित्य के विकास में दादा की ये रचना काफ़ी उपयोगी साबित होगी । पुस्तक में 25 कविताएं जो दिल को छू कर गुजरती है । इनकी कविताओं में न केवल कोयले में दफन होती जिंदगियों की संवेदनाएं है बल्कि मेहनतकश साइकिल से कोयला ढोने वाले मजदूर को अपने बेटे को पढ़ाने की कल्पनाएं है । इनकी कविताओं में बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने का संदेश है तो वहीं झारखंड की माटी की सौंधी मीठी खुशबू की महक भी है । पर्यावरण संरक्षण का संदेश है तो वहीं किसानों को जागृत करने की आवाज भी है । कुल मिलाकर यही कहूंगा की खोरठा साहित्य जगत में दादा की यह पुस्तक मिल का पत्थर साबित होगा । ऐसी उत्कृष्ट रचना के लिए दादा को हार्दिक बधाई एवम।।शुभकामनाएँ !!
विनय तिवारी, खोरठा लोकगीतकार, कलाकार, कवि, पटकथा लेखक, एवं निर्देशक।( झारखंड सरकार से सम्मानित ) धनबाद।
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